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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेश सम्बन्ध
(External Relations Under Warren Hastings)

(1) रूहेला युद्ध 1774 - रूहेला सरदार तथा अवध के नवाब दोनों को मराठों के आक्रमण का डर था। 1772 के शुरूआती दौर में मराठों ने जब्ता खाँ को हराकर उसके संपूर्ण क्षेत्र पर अपना कब्जा कर लिया। रूहेला सरदार हाफिज रहमत खां को मराठा आक्रमण का भय था और उसने अवध के नवाब से एक सन्धि कर ली जिसके अनुसार उसने मराठों के विरुद्ध रक्षार्थ नवाब की सहायता मांगी तथा उसके लिए 40 लाख रुपया देना स्वीकार किया। 1773 के बसन्त में मराठों ने रूहेलखंड पर आक्रमण किया। परन्तु जब कंपनी तथा अवध की सेनाएं सन्मुख देखीं तो लौट गये। मराठों का भय टल गया। नवाब ने 40 लाख रुपया मांगा लेकिन रूहेला सरदार ने टालमटोल की।

फरवरी 1774 में नवाब ने रूहेलखंड पर आक्रमण कर उसे अपने प्रदेश में विलय करने की सोची। उसे रूहेला-मराठा संघ का भय था लेकिन पेशवा माधव राव की मृत्यु के कारण मराठों में फूट पड़ गई तथा यह भय टल गया। नवाब के लिए यह एक अच्छा मौका था। दूसरे, उसने सम्राट और जब्ता खां से भी मित्रता कर ली थी और फिर बनारस की सन्धि पर आधारित उसने कंपनी से सैनिक सहायता मांगी। कंपनी की सेना की सहायता से रूहेलखंड पर आक्रमण हुआ और अप्रैल 1774 में मीरापुर कटरा के स्थान पर एक निर्णायक युद्ध हुआ और जिसमें हाफिज रहमत खां मारा गया। रूहेलखंड अवध में सम्मिलित कर लिया गया तथा 20,000 रूहेल देश से निकाल दिये गये।

वॉरेन हेस्टिंग्ज के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की गई है। रूहेलो ने कंपनी का कुछ भी नुकसान नहीं किया था। उनके खिलाफ कंपनी की सेना का प्रयोग अन्यायपूर्ण था। बर्फ के अनुसार एक स्वतंत्र लोगों को नवाब के अधीन करने में कोई तर्क नहीं था। मैकाले ने भी इस कड़े व्यवहार की आलोचना की है कि कंपनी के सैनिकों के रहते हुए रूहेला के गांवों में लूटपाट हुई, बच्चों को मार डाला गया और स्त्रियों की इज्जत लूट ली गई। इसी तरह अन्य लोगों ने भी इस संपूर्ण घटना की निन्दा की है। अनेक रुहेलों को देश निकाला दे दिया गया तथा हाफिज रहमत खां के परिवार से दुर्व्यवहार किया गया। दूसरी ओर वॉरेन हेस्टिंग्ज के पक्षपाती सर जॉन स्ट्रेची के अनुसार, "बनारस की सन्धि करते समय हेस्टिंग्ज का विचार था कि रूहेलों के विरुद्ध नवाब की सहायता करने का अवसर नहीं आयेगा। इसी प्रकार यह भी कहा जाता है कि हाफिज रहमत खां तथा नवाब के बीच सन्धि करते समय जनरल सर राबर्ट बारकर उपस्थित थे तथा उनकी उपस्थिति से कंपनी सन्धि हेतु उत्तरदायी बन गई।

(2) द्वितीय ऐंग्लो-मैसूर युद्ध 1780-84 - अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के परिणामस्वरूप फ्रांस तथा इंग्लैंड में युद्ध छिड़ गया। वॉरेन हेस्टिंग्ज ने भारत की समस्त फ्रांसीसी बस्तियों को अपने कब्जे में करने का निश्चय किया। इसने माही बन्दरगाह, जो मालावार तट पर स्थित था, पर विजय प्राप्त कर ली जिसे हैदर अली प्रयोग कर रहा था।

वॉरेन हेस्टिंग्ज ने यह तर्क दिया कि माही बन्दरगाह के द्वारा हैदरअली को फ्रांसीसी मदद पहुंच सकती है। इसके अलावा अंग्रेजों ने बिना किसी अनुमति के अपनी सेना हैदर अली के क्षेत्र से उत्तरी सरकार में स्थित सुन्दूर की विजय के लिए भेज दी थी।

हैदर अली ने मराठों तथा निजाम के साथ एक समझौता कर लिया था। फ्रांसीसी सहायता का वचन ले लिया व फिर जुलाई 1780 में कर्नाटक पर आक्रमण करके अरकाट पर विजय प्राप्त की। इसके तुरन्त बाद सर हेक्टर मनरो की सेना को भी हरा दिया। इस प्रकार कंपनी को मराठों तथा मैसूर दोनों से मात खानी पड़ी। जैसाकि सर 'अल्फैड लायड के अनुसार, कि 1780 के ग्रीष्मकाल में कंपनी की साख अपने न्यूनतम स्तर पर थी। परन्तु वॉरेन हेस्टिंग्ज ने स्थिति को संभाल लिया। सर आयर कूट के अधीन कलकत्ता भेजी गई सेना ने हैदर अली को पोर्टोनोवा पोलिलूर व सोलिंगपुर के स्थानों पर हरा दिया, जबकि जनरल वुस्सी ने 3000 सैनिक हैदर अली के सहायता हेतु भेजे थे। इधर सिंधिया से अंग्रेजों ने समझौता कर लिया, जिससे मराठे तथा हैदर अली अलग-अलग हो गये। हैदर अली की सहायता के लिए फ्रांस से भेजे गये एडमिरल सफरिन ने भी काफी प्रयास किये लेकिन हयूज के अधीन अंग्रेजी बेड़े ने एक न चलने दी तथा सहायता के सभी प्रायस विफल कर दिये। अंग्रेजों के अहोभाग्य से दिसंबर 1782 में हैदरअली की मृत्यु हो गई लेकिन उसके पुत्र टीपू ने युद्ध जारी रखा। जुलाई 1783 में पेरिस की सन्धि में अमरीका युद्ध समाप्त हो गया और एडमिरल साफरिन यूरोप लौट गया। मद्रास के गवर्नर लार्ड मैकार्टनी ने सन्धि करने की सोची और अन्त में मार्च 1784 में मंगलोर की सन्धि पर हस्ताक्षर हो गये। इससे युद्ध बन्दी हो गई तथा विजित प्रदेश लौटा दिये गये।

(3) प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध 1775-82 - वॉरेन हेस्टिंग्ज ने अवध के साथ सहायक सन्धि करके विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी। बंबई परिषद के प्रधान तथा सदस्य शक्तिशाली मराठों की उपस्थिति में कुछ नहीं कर पा रहे थे।

पेशवा माधव राव की मृत्यु (1772) और पेशवा नारायण राव की हत्या (1793) के बाद महाराष्ट्र में आन्तरिक झगड़े शुरू हो गये। नारायण राव के चाचा रघुनाथ राव के मरणोपरान्त जन्मे पुत्र माधवराव नारायण के अधिकार को चुनौती दी लेकिन राज प्रबन्धकर्ता मंडल के प्रधान नाना फड़नवीस के सामने अपने आप को प्रभावहीन पाकर उसने कंपनी की सहायता मांगी तथा बंबई सरकार से सूरत की सन्धि की। सूरत की सन्धि के अनुसार कंपनी ने रघुनाथ राव को पेशवा बनाया तथा उसके बदले कंपनी को सालसेट व बसीन नगर मिलने थे। कंपनी की सेना की सहायता से रघुनाथ राव पूना की ओर बढ़ा और मई 1775 में अर्रास के स्थान पर एक अनिर्णायक युद्ध लड़ा।

कलकत्ता परिषद ने इस सन्धि को अस्वीकार कर दिया। इस युद्ध को अन्यायपूर्ण घोषित कर दिया। उन्होंने कलकत्ता से कर्लन अपटन को पूना भेजा जिसने मार्च 1776 में पुरन्दर की सन्धि की। लन्डन स्थित डायरेक्टरों ने सूरत की सन्धि को स्वीकृति दे दी तथा पुर-डर की सन्धि को अस्वीकार कर दिया। 1775 में अमेरीका के स्वतंत्रता युद्ध होने के कारण अंग्रेज तथा फ्रांसीसी पुनः एक-दूसरे के विरोधी हो गये। बंबई परिषद ने लन्दन से प्रोत्साहित होकर सूरत की सन्धि को पुनर्जीवित कर दिया।

बंबई की सेना बड़गांव के स्थान पर पेशवा की सेना से पराजित हो गई तथा जनवरी 1779 में बड़गांव की सन्धि की। जिसके अनुसार अंग्रेजों ने 1773 में सभी जीते हुए प्रदेश लौटाने का वचन दिया। यह सन्धि अंग्रेजों के लिए बहुत अपमानजनक थी। वॉरेन हेस्टिंग्ज ने युद्ध जारी रखा तथा दो सैनिक दल भेजे। एक दल कैप्टन पोफम के अधीन ग्वालियर पर आक्रमण करने के लिए तथा दूसरा जनरल गाडर्ड के अधीन पूना के विरुद्ध। जनरल गाडर्ड ने मध्य भारत से गुजरते हुए फरवरी 1780 में अहमदाबाद पर अधिकार कर लिया। उसने गुजरात को भी रौंद डाला तथा बड़ौदा के गायकवाड़ को जो अब तक तटस्थ थे, अपनी ओर मिला लिया। परन्तु उसका पूना पर आक्रमण विफल रहा जिससे उसको वापस लौटना 'पड़ा। उधर पोफस ने ग्वालियर की सेना को कई छोटी-छोटी झड़पों में हराया तथा अगस्त 1780 में ग्वालियर दुर्ग जीत लिया।

(4) सम्राट शाह आलम द्वितीय से सम्बन्ध - वॉरेन हेस्टिंग्ज के समय में मराठों का बोलबाला था क्योंकि उन्होंने अपने योग्य तथा अनुभवी नेता महदाजी सिंधिया तथा जसवन्त राव होल्कर के नेतृत्व में अपनी स्थिति को पुनः सुदृढ़ कर लिया था। राजस्थान, आगरा के आसपास के जाटों तथा दोआब के रूहेलों को पराजित कर फरवरी 1771 में उन्होंने दिल्ली जीत ली। तत्पश्चात् उन्होंने शाह आलम को मुगल सिंहासन पर बैठा दिया।

(5) अवध से सम्बन्ध - क्लाइव ने अवध को मध्यवर्ती राज्य के रूप में स्थापित किया था। प्रतिवर्ष नवाब बिना धन दिये कंपनी से सैनिक सहायता लेता था। जिससे कंपनी को वित्तीय बोझ का घाटा उठाना पड़ता था अतः कंपनी और अवध के बीच संबंध सन्तोषजनक नहीं रहे थे।

वॉरेन हेस्टिंग्ज ने अनुभव किया कि यदि इन दोनों के बीच संबंध स्थापित नहीं किया गया तो संभवतः अवध मराठों के अधीन आ जायेगा। हेस्टिंग्ज स्वयं बनारस गया और 1793 में नवाब से बनारस की सन्धि की। इससे इलाहाबाद तथा कारा के जिले नवाब को 50 लाख रुपये में बेच दिये गये। इसके अतिरिक्त नवाब ने आवश्यकता पड़ने पर एक ब्रिगेड के लिए 30,000 रुपये मासिक के स्थान पर 2,10,000 रुपये मासिक देना स्वीकार किया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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